पहलगाम आतंकी हमला, कश्मीर: जिसे लोग प्यार से “धरती का स्वर्ग” कहते हैं, एक बार फिर से खून से लाल हो गया। 22 अप्रैल 2025, सोमवार का दिन था, जब अनंतनाग ज़िले के मशहूर टूरिस्ट स्पॉट पहलगाम की खूबसूरत वादियों में गोलियों की आवाज़ गूंज उठी। इस हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया।
कहां हुआ हमला?
हमला हुआ बाईसारन घाटी, पहलगाम में — जो कि अक्सर टूरिस्ट्स से भरी रहती है। ये इलाका एक हिल स्टेशन जैसा है, जहां टूरिस्ट पॉनी राइड, ट्रैकिंग और फोटोशूट का मज़ा लेते हैं। लेकिन इस दिन ये खूबसूरत जगह एक नरसंहार का गवाह बनी।
पहलगाम आतंकी हमला हमला कैसे हुआ?
जानकारी के अनुसार, करीब 5 आतंकवादी दोपहर के समय बाईसारन में दाखिल हुए। उन्होंने वहां मौजूद पर्यटकों से नाम और धर्म पूछना शुरू किया। जिनका नाम या धर्म उनके टारगेट के अनुसार नहीं था, उन्हें छोड़ दिया गया। लेकिन हिंदू और ईसाई धर्म के लोगों को चुन-चुन कर गोलियों से भून दिया गया।
ये हमला न सिर्फ डरावना था, बल्कि सोची-समझी साजिश की तरह अंजाम दिया गया।
पहलगाम आतंकी हमला में कितने लोग मारे गए?
इस हमले में 26 लोग मारे गए, जिनमें से 25 भारतीय और 1 नेपाली नागरिक शामिल था।
इसके अलावा, कई लोग घायल हुए हैं, जिनका इलाज श्रीनगर के हॉस्पिटलों में चल रहा है।
एक लोकल मुसलमान युवक, सैयद आदिल हुसैन शाह, जो वहां पर पॉनी राइड का काम करता था, उसने घायलों को बचाने की कोशिश की, लेकिन आतंकियों ने उसे भी गोली मार दी।
पहलगाम आतंकी हमला के हमलावर कौन थे?
हमले की शुरुआती जिम्मेदारी The Resistance Front (TRF) ने ली, जो लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ा आतंकी संगठन है। बाद में TRF ने बयान वापस भी ले लिया, लेकिन सुरक्षा एजेंसियों ने जिन आतंकियों की पहचान की है, वो हैं:
- अली भाई उर्फ तल्हा भाई (पाकिस्तानी)
- हसीम मूसा उर्फ सुलेमान (पाकिस्तानी)
- आदिल हुसैन ठोकर (स्थानीय निवासी, अनंतनाग)
सरकार ने इन आतंकियों के लिए ₹20 लाख का इनाम भी घोषित किया है।
सरकार और सेना का एक्शन
हमले के तुरंत बाद NIA (नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी) ने केस अपने हाथ में ले लिया।
सेना, CRPF और जम्मू-कश्मीर पुलिस ने मिलकर इलाके में कॉम्बिंग ऑपरेशन शुरू किया।
ड्रोन, स्निफर डॉग्स और सैटेलाइट सर्विलांस का इस्तेमाल कर आतंकियों को पकड़ने की कोशिश की जा रही है।
केंद्र और राज्य की प्रतिक्रिया
गृह मंत्री ने हमले को “कायराना हरकत” बताया और कहा कि “जवाब ऐसा होगा जिसे दुनिया देखेगी।”
जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने सभी शहीदों के परिवारों को सहायता राशि देने की घोषणा की है।
साथ ही, पर्यटकों की सुरक्षा के लिए नए स्पेशल टूरिस्ट प्रोटेक्शन यूनिट्स बनाने की बात भी चल रही है।
पहलगाम आतंकी हमला का मुद्दा क्यों ज़रूरी है ?
- कश्मीर में शांति और टूरिज़्म को खतरा
- धर्म के आधार पर निर्दोषों को मारना – ये सिर्फ हमला नहीं, मानवता के खिलाफ युद्ध है
- करंट अफेयर्स के लिहाज़ से ये घटना UPSC, JPSC, SSC, और अन्य परीक्षाओं में पूछा जा सकता है
- भारत की आंतरिक सुरक्षा और काउंटर-टेररिज़्म रणनीति के लिए एक बड़ा अलर्ट
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